आज कल हर क्षेत्र में असीम अवसर है और अगर उसी क्षेत्र में सफलता पाना चाहते है तो आपको को कुछ चीजों को ना कहना होगा| इस लिएँ आपको अपने काम में मन लगा कर काम तो करना पड़ेगा ही साथ में कुछ चीजों को न कहना भी सीखें|
किसी व्यापर में सफलता या व्यापर को बड़ा बनाने के लिएँ आपको एक लक्ष्य तय करना होगा तभी जा कर आप सफलता पा सकते है क्योकि आज कल आपको हर क्षेत्र में ठक्कर देने के लिएँ कई लोग या कम्पनी तैयार है इस लिएँ hard work के साथ-साथ smart work भी बहुत जरुरी है|
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिएँ कुछ चीजों को अपनाना होता है तो कुछ को छोड़ना भी होता है जिसमें आपकी आदत एक बड़ी चीज है| लेकिन में आपको और भी हैं उनके बारे में बताने जा रहूँ तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें.
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किसी व्यापर में सफलता या व्यापर को बड़ा बनाने के लिएँ आपको एक लक्ष्य तय करना होगा तभी जा कर आप सफलता पा सकते है क्योकि आज कल आपको हर क्षेत्र में ठक्कर देने के लिएँ कई लोग या कम्पनी तैयार है इस लिएँ hard work के साथ-साथ smart work भी बहुत जरुरी है|
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिएँ कुछ चीजों को अपनाना होता है तो कुछ को छोड़ना भी होता है जिसमें आपकी आदत एक बड़ी चीज है| लेकिन में आपको और भी हैं उनके बारे में बताने जा रहूँ तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें.
सहत पर ध्यान दें:
सबसे पहले तो आपको वो चीजे छोडनी होंगी जो आपकी सहत पर गलत प्रभाव डालती है जिससे की आपको किसी भी काम में निरन्तरता बनी रहे|अगर आप फिट नहीं रहेगे तो आप का किसी भी काम मन लगना बड़ी मुश्किल है| इस लिएँ सबसे पहले सहत की रहा में रोड़ा बनने वाली चीजों को न कहाये जैसे fast food,समोचा,मिठाई,चिप्स,बर्फी,drink,शराब आदि.मिलकर काम करें:
आपको इस बात को मानना होगा की हर कम अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है इस लिएँ किसी टीम को अपने साथ जोड़े जिन पर आप भरोसा कर सके. जैसे अपने मित्र परिजनबहाना न बनाये.
अगर आपसे किसी काम में कोई गलती हो जाये तो उसे माने न की बहाना बने दे या अपनी गलती को किसी ओर पर न डाले| अगर आपसे कोई गलती हो जाती है तो उस गलती की आप स्वयं जिम्मेदारी ले| अगर आप में ऐसा करते है तो आप अपनी गलतियों से सीख कर दुबारा उस गलती को न दोराएँ|हाँ को ना कहयें :
अगर आपको हर काम को हाँ करने की आदत है तो कुछ कामों को ना कहे|क्योकि आप इंसान है इस लिएँ जिस काम को कर सकते है बस उसी के लिएँ हाँ कहे बाकी कामों के लिएँ ना.देरी की आदत को ना कहें:
अगर आपको ऑफिस में देरी से पहुँचने की आदत है तो इसे ना कहें क्योकि अगर आपको देर से पहुँचने की आदत है तो आप जो काम करेगें उसे जल्दी-जल्दी करने की कोशिश करेगें जिससे की काम बिगड़ सकता है. इस लिएँ हमेशा समय पर पहुँचने की कोशिश करे ओर लेट होने की आदत को ना कहने की|फिजूलखर्ची को ना कहें:
किसी भी व्यापर को आगे बढाने के लिएँ फालतू के खर्चो को बंद करें. और जितना आप पैसा कमाते है उसमें से जितना हो सके बचाने की कोशिश करे क्योकि जो पैसे आप बचाते है वही आपका धन होता है|_------------------------------------------and-------------------------------------------------------
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